Kavita Jha

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एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

)-* दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है, 
किसी ने तेरे अंतर्मन को छुआ क्या है।
नींद आंँखों से कोसों दूर हो रही क्यों है,
बातों-बातों में वो बात तूने कही क्यों है।
उन जज्बातों को कब से छुपाए रखा था,
आज दिल खोल के सब दिखाए रखा था।
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है

कविता झा'काव्य'अविका

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